आरंभ में, ब्रांड एक अद्वितीय नाम, लोगो, डिज़ाइन, प्रतीक, शब्द, नारा या इन सब का संयोजन होता है, जिसे ग्राहक के दिमाग में एक छवि बनाने के लिए उपयोग में लिया जाता है, जिससे वह प्रोडक्ट या सेवा की वह
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आज का बाजार बेहद घालमेल वाला है। किसी भी प्रोडक्ट या सेवा के लिए असंख्य विकल्प उपलब्ध हैं। विकल्पों के लिए ग्राहक बिगड़ रहे हैं। ग्राहक का ध्यान खींचने के लिए हर दिन, सैकड़ों या हजारों ब्रांड संदेश उसके दिमाग
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ब्रांड ग्राहकों के दिमाग में बनाए जाते हैं। उसे आवश्यक प्रत्येक प्रोडक्ट या सेवा के लिए, ग्राहक के दिमाग में एक स्थान, स्थिति या अदृश्य स्लॉट होता है। आम तौर पर, उस स्लॉट पर एक या अधिक ब्रांडों का कब्जा
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बहुत ही बुनियादी स्तर पर, एक ब्रांड ग्राहक के लिए एक वादा है। ग्राहक उम्मीद में एक ब्रांड खरीदती है कि उसे इससे कुछ मिल जाएगा। यह वादा उस सामग्री या मूर्त लाभ तक ही सीमित नहीं है, जो वह
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ब्रांड ग्राहकों द्वारा ही निर्मित होते हैं या वे तोड़े जाते है, न कि कंपनियों के द्वारा । ब्रांड के भाग्य की कुंजी ग्राहकों के दिमाग में इसकी धारणा होती है। हम विश्वास कर सकते हैं कि हमारा ब्रांड कुछ
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हमारे ब्रांड-वादे के आधार पर, उपभोक्ता हमारे ब्रांड से अपेक्षाएँ विकसित करती हैं। वे हमारे प्रोडक्ट को इस आशा के साथ खरीदती हैं कि ब्रांड वास्तव में वादा पूरा करेगा। यदि ब्रांड उन अपेक्षाओं के प्रति विफल रहता है, तो
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एक ब्रांड की तुलना एक से अधिक रूपों में इंसान से की जा सकती है। जैसे किसी व्यक्ति का जीवनकाल और जीवन चरण होते हैं, उसी तरह एक ब्रांड भी इसी तरह के चरणों से गुज़रता है। मनुष्यों की तरह,
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ब्रांड के वादे, अपेक्षाएँ, धारणाएँ, व्यक्तित्व इत्यादि ब्रांड के अदृश्य पहलू हैं। वे वहां हैं, लेकिन कोई भी उन्हें ‘देख’ नहीं सकता है। वे ब्रांड के चरित्र हैं, जो आंतरिक रूप से ब्रांड के भीतर बुने गए हैं, लेकिन बाहर
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यह इस विश्वास पर आधारित है कि सफल होने के लिए, एक ब्रांड को प्रभावशाली दिखना चाहिए। इसलिए, हम लोगो, डिज़ाइन, पैकेजिंग इत्यादि जैसे दृश्य तत्वों पर बहुत ध्यान केंद्रित करते हैं। बेशक, दृश्य तत्व महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमें कोई
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कुछ कंपनियों का रुझान होता है कि वे मशहूर ब्रांड की नक़ल करते हुए अपने प्रोडक्ट, नाम, लोगो या पैकेजिंग को उसके हूबहू समान बनाएँ | मशहूर ब्रांडों की प्रतिलिपि बनाना अनुत्पादक है। फिल्म सितारों के डुप्लिकेट बहुत चलते हैं,
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एक गैंगस्टर बड़ा प्रसिद्ध है। बहुत प्रसिद्ध। बहुत जाना जाता है। क्या उसे पसंद किया जाता है ? क्या वह सम्मानित है? हाँ, वह एक ब्रांड है, लेकिन क्या वह सफल या सम्मानित है? हर्गिज नहीं। तो, अपने विज्ञापन, हर
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कभी-कभी, कंपनियाँ ब्रांड बनाने के लिए विज्ञापन, इवेंट्स और अन्य मार्केटिंग प्रमोशन गतिविधियों पर बहुत रकम खर्च करती हैं। वे बहुत शोर मचाती हैं। हाँ, शोर से जागरूकता अवश्य पैदा होती है। लेकिन, यह ब्रांड की धारणा को न बनाएगी
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जीवन में कुछ भी स्थिर नहीं है। केवल परिवर्तन ही स्थिर है। आज के बाजार में, ग्राहकों की जीवनशैली, स्वाद, प्राथमिकताएँ और खरीदारी की आदतें बदल रही हैं, प्रतिस्पर्धा बदल रही है, टेक्नोलॉजी बदल रही है, लोगों को जिन पर
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सतत प्रोडक्ट निष्पादन एक बहुत सशक्त व वफादार ग्राहक-आधार बनाता है। इसलिए, कभी ग्राहक हमारे पास आ सकते हैं, भले ही हमने अभी तक हमारे प्रोडक्ट का नाम भी नहीं दिया है। तो, हम सोचना शुरू कर सकते हैं कि
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किसी भी ब्रांड का निर्माण करते समय, सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि निम्न अलायिंड हैं: o एक प्रोडक्ट या सेवा जो ग्राहक की कुछ आवश्यकताओं को पूरा करती हैं । o उन अनूठों वादों की पहचान जो ग्राहक के
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