बोलना सभी को सिखाया जाता है, लेकिन दुर्भाग्य से सुनना कोई नहीं सिखाता है। कोई भी संवाद जब दो दिशाओं में चलता है केवल तभी ही प्रभावी बनता है। बिजनेस में भी, सुनने का कौशल विकसित करने जैसा है। जब आप बोलने से
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